Sunday, October 14, 2012

खुदा नहीं मिला तो यहाँ रोता कौन है

खुदा नहीं मिला तो यहाँ रोता कौन है


वैसे उसके इंतज़ार में यहाँ जीता कौन है


कल तक हम भी सोचते थे की वो आएगा कभी

कल आएगा भी तो उसके लिए यहाँ रुकता कौन है


खुदा तो आखिर खुदा है, कोई आशना नहीं

ऐतबार उसपे करके चैन से सोता कौन है


जीते थे हम भी कभी उसके नक्श-ओ-कदम पर

आज खुदा को खो कर यहाँ कुछ खोता कौन है


बहुत सताया है प्यार में उसने हमको

अब उससे उम्मीद मोहोब्बत की करता कौन है



वो दिन भी थे, हम उनसे मांगते थे कुछ

आज खुदा से विसाल की दुआ करता कौन है




आशना: दोस्त


ऐतबार: भरोसा


विसाल: मुलाक़ात

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