लगता था कि हमने बहुत देखी है दुनिया
जब कफ़न का पर्दा पहना तो कुछ और ही देखा
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तेरे साथ, ता उम्र रहने की आस भी न थी
ऐसे छीन लेगा तुझे, खुदा से ये उम्मीद भी न थी
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किये थे बहुत गुनाह जब हमने
तो हमारा कफ़न बेदाग़ क्यों है?
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