लो और एक शब् कटती है, उनके इंतज़ार में
विसाल की आस में, या फिर ऐतबार में
कोने में शम्मा वो जलती ही रही,नूर के इंतज़ार में
दिल भी तो अपना जलता ही रहा उनके प्यार में
नींद में सिरहाने बैठता है कोई, नहीं वो बेज़ार में
रूह तो हमारी खो चुकी है अब इस गुबार में
आता है अक्सर जो सरोश नूर-ए-ग़ैब में
सुलाता है वो फिर रूह को, किसी फिरदौस में
विसाल: मुलाक़ात
ऐतबार: भरोसा
सिरहाने: सर के पास
गुबार: cloud
सरोश: फ़रिश्ता
नूर-ए-ग़ैब : Mysterious light
फिरदौस: जन्नत
विसाल की आस में, या फिर ऐतबार में
कोने में शम्मा वो जलती ही रही,नूर के इंतज़ार में
दिल भी तो अपना जलता ही रहा उनके प्यार में
नींद में सिरहाने बैठता है कोई, नहीं वो बेज़ार में
रूह तो हमारी खो चुकी है अब इस गुबार में
आता है अक्सर जो सरोश नूर-ए-ग़ैब में
सुलाता है वो फिर रूह को, किसी फिरदौस में
विसाल: मुलाक़ात
ऐतबार: भरोसा
सिरहाने: सर के पास
गुबार: cloud
सरोश: फ़रिश्ता
नूर-ए-ग़ैब : Mysterious light
फिरदौस: जन्नत
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